The best Side of sidh kunjika
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पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।
हुं हुं हुङ्काररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं more info वूं वागधीश्वरी।
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।
चाय वाले को बनाया पिता और टेस्ट ड्राइव के बहाने उड़ाई बाइक, आगरा में शातिर चोर का गजब कारनामा बॉलीवुड
On chanting generally, Swamiji states, “The more we recite, the more we hear, and the greater we attune ourselves towards the vibration of what is becoming mentioned, then the more we will inculcate that attitude. Our intention amplifies the attitude.”
ॐ अस्य श्रीकुंजिकास्तोत्रमंत्रस्य सदाशिव ऋषिः, अनुष्टुप् छंदः,